- +91 98500 98688
- [email protected]
- 59, जोशी प्लाजा, जलगाँव , महाराष्ट्र (425001)
हमारे बारे में
ज्योतिष में 22 से अधिक वर्षों का अनुभव एस्ट्रोगुरु मां डॉ. ज्योति जोशी
ज्योतिष पूरी दुनिया को हमारी संस्कृति की देन है। यह हमारे ऋषि-मुनियों की मेहनत का फल है। इसका महत्व इतना अधिक है कि हजारों वर्ष बाद भी आज भी ऐसा ही है। ज्योतिष की रचना मनुष्य के कल्याण के लिए की गई है। ज्योतिष की सहायता से मानव जीवन सुखद, सुखद बन सकता है। श्री वैदिक ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के माध्यम से डॉ. ज्योति जोशी पिछले 22 साल से सेवा दे रही हैं। आज विज्ञान का युग है। विज्ञान सिद्धांतों पर आधारित है। यानी विज्ञान के पास ऐसे सिद्धांत हैं जो बताते हैं कि कुछ कैसे हुआ या हो सकता था। तो कोई भी इस पर आसानी से विश्वास कर सकता है। अगर कोई कहानी विज्ञान के आधार पर कही जाए तो उसे जितना हो सके नकारा नहीं जाएगा। यह ज्योतिष पर उतना लागू नहीं होता, जितना होना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए एस्ट्रोगुरु डॉ. ज्योति जोशी ने श्री वैदिक ज्योतिष अनुसंधान केंद्र की शुरुआत की। विज्ञान ही विज्ञान है और ज्योतिष भी विज्ञान है। विज्ञान की तरह ज्योतिष भी सिद्धांत पर आधारित है। केवल उन्हीं सिद्धांतों को वैज्ञानिक तरीके से बताया जा सकता है। तभी लोग उन पर भरोसा कर पाएंगे। तभी वह उन्हें खुश कर सकता है। आज की युवा पीढ़ी किसी बात को सिर्फ इसलिए नहीं मानती है कि कोई ऐसा कहता है। क्योंकि उनकी अपनी एक वैचारिक शक्ति होती है। वे उस शक्ति की कसौटी पर सब कुछ परख रहे हैं। यह असत्य है कि आज की युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति में कोई प्रेम या विश्वास नहीं है। उन्हें संस्कृति पर भी गर्व है, उनमें प्रेम है। लेकिन वे ऐसे काम भी कर रहे हैं जो उनकी सोच के अनुकूल हों। अगर ज्योतिष शास्त्र को वैज्ञानिक तरीके से समझाया जाए तो उनमें भी आस्था होगी। समाज की यह मानसिकता डॉ. सौ. ज्योति को ज्योति ने देखा। उन्होंने पहले समाज की मानसिकता का गहन अध्ययन किया था। इसलिए उन्होंने अपनी संस्था का नाम श्री ज्योतिष शोध केंद्र रखा है। इसका मतलब है कि इस संस्थान में न केवल ज्योतिष बल्कि ज्योतिष पर भी शोध किया जाता है। डॉ। ज्योति जोशी ने अपने संगठन के माध्यम से अब तक कई जातियों की पारिवारिक, व्यक्तिगत, पेशेवर और सामाजिक समस्याओं का समाधान किया है। ज्योतिष केवल अटकल का विज्ञान नहीं है। ज्योतिषी भाग्य नहीं बदल सकते। भाग्य में जो लिखा है वह अपरिहार्य है। उससे कोई नहीं बच सकता। लेकिन इसके आधार पर ज्योतिषी निश्चित रूप से व्यक्ति के जीवन को और अधिक आरामदायक बना सकते हैं। यह संकट के समय उन्हें सचेत कर संकट की तीव्रता को कम कर सकता है। उनका यह भी मानना है कि यदि प्रगति का समय है, तो वे बेहतर तरीके से अवसर का लाभ उठाने के लिए सतर्क हो सकते हैं, और इसी तरह उनका ज्योतिष का अध्ययन भी है।
एस्ट्रोगुरु डॉ. ज्योति जोशी जलगांव में ज्योतिष की कक्षाएं लेती हैं। उन्होंने अब तक कई लोगों को ट्रेनिंग दी है। उन्होंने सोशल मीडिया का प्रभावी इस्तेमाल कर अपनी पहचान बनाई है। इसके माध्यम से वे ज्योतिष के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं। वे उन मूल निवासियों का भी मार्गदर्शन कर रहे हैं जो उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। इतना ही नहीं, वे फोन और ई-मेल के जरिए भी प्रवासियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। श्री वैदिक ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के माध्यम से जातियों का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। दुल्हन के जन्म के स्वागत के लिए एक मुफ्त पत्रिका बनाने की पहल की व्यापक रूप से सराहना की गई। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में कन्या का जन्म प्रमाण पत्र बनाया और वितरित किया। ऐसी गतिविधियों को लागू करते हुए कुछ बड़ा करना चाहिए ताकि हम ज्योतिष को घर-घर ले जा सकें। ज्योति जोशी को बैठने नहीं दिया गया। इस विचार से पैदा हुई एक अभिनव पहल मुफ्त ऑनलाइन ज्योतिष प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम है। आज हर किसी के पास स्मार्ट फोन हो गया है। इसमें इंटरनेट भी शामिल है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। इस सब को ध्यान में रखते हुए, उन्हें इस पहल की सरल अवधारणा का सुझाव दिया गया था। इस पहल ने ज्योतिष के पारंपरिक अध्ययन की सीमाओं को तोड़कर एक नया मानक स्थापित किया है। इस पहल को व्हाट्सएप, फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल के माध्यम से मूर्त रूप दिया गया है। हजारों छात्रों ने ज्योतिष का अध्ययन करने के लिए इस पहल का लाभ उठाया है। डॉ। ज्योति जोशी हमेशा अपने कार्यक्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी लगी रहती हैं। वह जलगांव में लायंस क्लब और इनरविले क्लब की सचिव और सदस्य बनी हुई हैं। इसके अलावा वह कई सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। ज्योतिष की सेवा और प्रचार के लिए डॉ. ज्योति जोशी ने विभिन्न स्थानों पर व्याख्यान आयोजित किए हैं और विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए हैं। इसके अलावा, उन्होंने अखिल भारतीय ज्योतिष के कई सम्मेलनों में व्याख्यान भी दिए हैं। वह तीन पुस्तकों, ज्योतिष – ए, बी, सी, डी, भाग 1, भाग 2 और भाग 3 के लेखक भी हैं, जो कम समय में लोकप्रियता के चरम पर पहुंच गए। व्हाट्सएप ग्रुप और अपने फेसबुक पेज पर ज्योतिष पर विभिन्न विषयों में उनका नियमित योगदान है। उन्होंने अपना स्वयं का YouTube चैनल भी शुरू किया है जिसके माध्यम से वे नियमित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
एस्ट्रोगुरु डॉ. ज्योति जोशी एवं श्री वैदिक ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के समस्त सेवा कार्य समय-समय पर किये जाते रहे हैं। उन्हें 24वें अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन में ज्योतिष में उत्कृष्ट कार्य के लिए बृहन् महाराष्ट्र ज्योतिष मंडल द्वारा पीएचडी की उपाधि देकर सम्मानित किया गया है। उन्हें नागपुर, कोल्हापुर, पुणे जैसे विभिन्न स्थानों पर आयोजित ज्योतिष सम्मेलनों और सम्मेलनों में भी सम्मानित और व्याख्यान दिया गया है।